हमारा लक्ष्य
- हमारा लक्ष्य है कि हम ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के सामान्य तथा निम्न आर्थिक स्थिति के लोगों के लिए प्राकृतिक चिकित्सा जैसी आभिजात्य पद्धति को सुलभ बनाएं।
- प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से जीर्ण एवं असाध्य रोगों के वैसे मरीज़ों को लाभान्वित करें जिनके लिए अन्य चिकित्सा पद्धतियों में कोई इलाज सम्भव नहीं है।
- आमजन को कृत्रिम जीवन से होने वाली जटिलताओं के प्रति जागरूक बनाते हुए प्राकृतिक जीवनशैली जीने के लिए जागरूक और प्रशिक्षित करें।
- आमजन को ज़हरीले कीटनाशकों एवं रासायनिक खाद के इस्तेमाल के बिना उपजाए हुए स्वच्छ और प्राकृतिक खाद्य पदार्थ के इस्तेमाल हेतु सहायता करे।
- प्राकृतिक चिकित्सा के साहित्य के प्रकाशन और प्रसारण द्वारा आम जन को इस विषय के लिए जागृत करें।
एक तरफ तो व्यवसायीकरण के वर्तमान समय में महंगे ब्रैंड के कई अस्पताल चिकित्सा के क्षेत्र मे कूद पड़े हैं, जिससे चिकित्सा काफी मंहगी और आम आदमी की पहुँच से दूर हो गई है। वहीं दूसरी तरफ यह जानना ज़रूरी है कि एलोपैथी की चिकित्सा पद्धति वस्तुतः रोगों के साथ रहने की कला सिखाती है। यह एक मैनेजमैंट सिस्टम है। यह रोग के लक्षणों को तात्कालिक तौर पर दबाने का तरीका है। दुर्घटना तथा आपात स्थिति से निपटने में एलोपैथी चिकित्सा का दूसरा कोई जोड़ नहीं है, लेकिन जीर्ण एवं असाध्य रोगों को पूरी तरह से ठीक करने का तरीका एलोपैथी की प्रणाली में नहीं है, फिर भी कोई विकल्प न होने पर आमजन महंगे ब्रैंडेड अस्पतालों में जाने को बाध्य हो जाते हैं। इन अस्पतालों के मोटे बिल के साथ - साथ मेडिक्लेम इत्यादि का व्यवसाय भी पल्लवित और पुष्पित होता गया। यदि यह कहा जाय कि इन दोनों व्यवसायों में अन्योन्याश्रय सम्बन्ध है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के लिए बीमारी और प्रजनन के समय की जटिलताओं की वजह से भय एवं आतंक का निराशाजनक वातावरण भी बनता जा रहा है। सामान्य और उससे नीचे की आर्थिक स्थिति के लोगों के लिए अपनी चिकित्सा कराना आज पहले से कठिन है। दुर्भाग्यवश वैकल्पिक चिकित्सा के क्षेत्र में भी व्यवसायीकरण ने बहुत तेज़ी से पैर पसारे हैं। ऐसे में तपोवर्धन प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र निराशा के अंधकार में आशा की किरण के समान, सामान्य एवं निर्धन लोगों के साथ खड़ा है। हमारे केन्द्र में निर्धन मरीज़ों को निःशुल्क चिकित्सा प्रदान की जाती है तथा जो लोग खाने का खर्च भी वहन नहीं कर सकते हैं उन्हें भोजन तथा जाँच आदि में भी सहयोग किया जाता है। हम यह दावा तो नहीं करते कि हम कैंसर के हर मरीज़ या हर प्रकार के कैंसर को ठीक कर सकते हैं किन्तु यह भी सत्य है कि कैंसर के कई मरीज़ हमारे केन्द्र में आकर अपनी ज़िन्दगी के गिने चुने दिनों को कई माह तक लम्बा कर पाए हैं तथा उन्हें उनके मर्मान्तक शारीरिक कष्ट में बहुत हद तक आराम मिला है और उनकी गतिशीलता में आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि हुई।